Wednesday 16 December 2015

A Desi in Singapore - Primer

This blog is for all desis willing/thinking/planning to come to Singapore. What they should expect and plan.
Singapore Harbour

सिंगापुर, भारत की नज़रों में एक विकसित एशिया की झलक - पैसे, शॉपिंग, सफ़ाई, व्यवस्था । सिंगापुर एक शहर भर का देश है, 40x30 किमी के आकार का । इससे पहले कि मैं अपना मुँह और आपका दिमाग़ खोलूँ, दो ही शब्द - व्यवस्था और सतही ।
सिंगापुर

हाँ, ये बहुत व्यवस्थित है लेकिन -चीनी संस्कृति को छोड़कर बाकी सब - आदर्शों पर खड़े उतरने की नाकाम कोशिश मात्र । चाहे वो विचारों का खुलापन, खानपान की शैलियों में यथार्थ या फ़िर लोगों का व्यवहार - पश्चिम के अनुकरण की कोशिश मात्र है । दो महीने रहने पर ये बातें साफ़ होतीं हैं । ऐसा नहीं है कि यहाँ कुछ नहीं मिलता हो, लेकिन अगर आसपास का हो तो उतना अपनापन नहीं और अगर पश्चिम का तो बहुत महंगा । अगर आपको यहाँ रहने के अच्छे ख़ासे पैसे न मिल रहे हों तो कोई मतलब नहीं है यहाँ आने का । सबकुछ व्यवस्थित है, लेकिन सब कुछ सतही । इस सतह के अन्दर झाँको तो व्यवस्था झाँकने नहीं देती ।

एक बस-स्टॉप का नज़ारा

Things that you'd love:

यहाँ आम जीवन के लिये सब कुछ मौजूद है - साफ़ सड़कें, अस्पताल, सस्ती मेट्रो और बसें, दुकानें और बचत के पैसों को भारत भेजने पर आमदनी । सुरक्षा की दृष्टि से एकदम सही जगह है । रात के ३ बजे भी आप टैक्सी में आराम से बैठ सकते हैं - अकेली लड़की भी । बसें और ट्रेन समय पर चलती है - उनकी frequency भी अच्छी हैं । भारतीयों को यहाँ दिमागी लोगों के रूप में ही देखा जाता है - जैसे अन्य पश्चिमी देशों  में । लेकिन पश्चिम में भारतीयों को कंजूस या किफ़ायती भी समझा जाता है, यहाँ उतना नहीं ।

सिंगापुर के फूड कोर्ट - दोपहर में सबसे खाली रहते हैं
अगर आप चीनी खाने के शौकीन हैं तो यहाँ सब जगह मिलता है - सस्ते दामों में । लेकिन ये चीनी खाना भारत में मिलने वाले चायनीज़ रेस्तरॉँ के taste से कहीं बेस्वाद और नीरस होता है । इसलिए भारतीय मोमो या गोबी मंचूरियन की कल्पना मत कीजिएगा ।

Things that feel new to you:

महंगा बहुत है । ज़ाहिर है कि यहाँ बहुत कम चीजें देश के अन्दर बनती हैं - तो बाहर से मँगाने पर महंगी हो जाती हैं । शीशा, चीनी मिट्टी के बरतन, इलेक्टॉनिक्स इत्यादि सभी । भारत के मुकाबले कपड़े यहाँ डेढ़ गुणे दामों पर मिलते हैं । वैसे तो हम भारत में ही कपड़ों के बढ़ते दामों को लेकर परेशान हैं ।

सबसे अलग है यहाँ के फ़ूड कोर्ट । शुद्ध शाकाहारी खाना तो कम ही मिलता-बिकता है लेकिन अल्प मांसाहारी खाना मिल सकता है । अधिकांश लोग, अधिकांश समय बाहर खाते हैं - फूड कोर्ट में । ताजा और शाकाहारी खानों की कमी झलकती तो है लेकिन जुगाड़ हो जाता है । यहाँ की नौकरियाँ बौद्धिक और सेवा क्षेत्रों में बहुत है । इस तरह ये आपको एक बौद्धिक स्पर्धा और श्रेष्ठतम सेवा का अवसर देता है, लेकिन एक स्पर्धा का हिस्सा मात्र बनाकर छोड़ता है ।

होक्कियन नूडल
इस पर ये बता देना ज़रूरी समझता हूँ कि ये नूडल तो हर दुकान में मिलती है और ये दुकानें हर आबादी के पास के चौराहे और मॉल में, लेकिन अगर आप ब्रेड-ऑमलेट जैसी चीज़ कहीं ढूंढने निकले तो आपको १० किलोमीटर या ५०० रूपये ख़र्च करने पड़ सकते हैं । हालांकि अगर आप ब्रेड-आधा उबला हुआ अंडा खाना चाहें तो सब जगह हाज़िर रहेगा । आधे उबले हुए अंडे, अंदर से liquid रहते हैं ।

What you should learn
अगर आप यहाँ हैं तो चीनी भाषा और मलय-चीनी संस्कृति, मार्शल आर्ट आदि की क्लासेज़ ले सकते हैं । या लोगों से इस बारे में बात कर सकते हैं ।

संस्कृति

संस्कार में चीनी तत्व सबसे अधिक दिखता है - लोगों का खाना, दुकानदारों का दोनो हाथ जोड़कर पैसे वापस करना, लोगों का रात में नहाना इत्यादि इसके कुछ उदाहरण हैं । सबसे मज़ेदार है यहाँ की अंग्रेज़ी, जिसमें चीनी स्वर (accent) तो है ही, चीनी भाषा की तरह एकदम कम व्याकरण भी ! खाने के आम दुकान में चल रहे इस संवाद पर ध्यान दीजिए -

Do you have noodle soup? - Have!
And, do you have chicken rice? - Also have.
Do you have thai food? - No have.

सवालों के जवाब देखिये, कितने संक्षिप्त हैं - यहाँ आम लोगों से अंग्रेज़ी बोलने का यही तरीक़ा है । पूरे लम्बे वाक्य या जटिल प्रश्न पूछने का कोई फ़ायदा नहीं । अंग्रेज़ी ही सब जगह बोली जाती है, लेकिन भयानक चीनी (एशियाई) accent के साथ ।

इतिहास और भूगोल के नाम पर एकदम शून्य है; लेकिन चीनी नववर्ष (फरवरी के शुरु में) और अगस्त के भूतों के पर्व पर कुछ सांस्कृतिक अनुभव मिल जाता है । दीपावली और ईद (दोनों) के दिन छुट्टियाँ होती है इसलिए हिन्दू और मुस्लिम समुदाय अपने उत्सव मनाते हैं । इसके अलावे बुद्ध पूर्णिमा और क्रिसमस की भी छुट्टियाँ होती हैं । भूगोल के नाम पर ५० मीटर उँची सड़क को भी बुकित (यानि पहाड़ी) के नाम से बुलाया जाता है ।

रहन-सहन और खर्च

यहाँ पर घर का किराया आपके खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा है, कुल ख़र्च के आधे या दो-तिहाई से भी अधिक । सफ़र करना, खाना (चीनी शैली) जैसी चीज़ें सस्ती है । मनोरंजन की चीजें - सिनेमा, खेलना, पार्टी-पब और घूमना ख़ासी महंगी । कपड़े और FMCG (शैम्पू, पेस्ट, डिटरजेंट) सामान थोड़े महंगे - सभी तुलना भारत के दामों से है ।  भारतीय खाना छोड़ सकने लायक महंगा ।

कुछ भाषागत समझ

सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा अंग्रेज़ी और चीनी है । चीनी भाषा के कुछ शब्द जो मैने यहाँ सीखे -

 नहीं - बेओ ,  हाँ - शी
मैं - वा, तुम - नी, वो - ता

संबंध दिखाने के लिए दॉ/तो का इस्तेमाल होता है । जैसे, मेरी पेंसिल - वा दॉ पेंसिल

लेकिन इसे बोलते समय accent या pitch का बहुत ध्यान रखना पड़ता है ।


वैसे आपको बता दें, यहाँ मलय भाषा भी बहुत समझी जाती है; तमिळ अपेक्षाकृत बहुत कम । निस्संदेह इस लेख मात्र से आपको पूरी जानकारी नहीं मिल सकती । लेकिन जानते रहिये, ढूंढते रहिये...

अन्त में

आने लायक जगह, रहने लायक जगह लेकिन बसने लायक नहीं । अगर कुछ देर के लिए आए हों तो खुले दिमाग़ से आइये अजनबियों से मिलिये, जानिये और सीखिये । उसके बाद .. फुर्रर्र.. । अन्त में इतना ही कहूँगा कि अगर अत्यधिक पैसे ना मिल पा रहे हों तो यहाँ रहने का ख़ास फ़ायदा नहीं ।