Indonesia Java - इंडोनेशिया की तीसरी झलक - ब्रोमो ज्वालामुखी
ब्रोमो ज्वालामुखी का एक छोटा टन - एक दिन का । जावा के सुराबया से प्रोबोलिंगो और वहाँ से चेमेरो लवांग बाजार । चेमेरो लवांग से उपर एक viewpoint पर चढ़ने में कोई २ घंटों का समय लगता है ।
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घर और घास - जावा द्वीप के सुराबया के पास |
जावा इंडोनेशिया का सबसे populated द्वीप है । पश्चिमी भाग में राजधानी जकार्ता (१ करोड़) और पूर्वी भाग में सुराबया दो प्रमुख शहर हैं । इसके अलावे जोग्जकार्ता जैसे शहर भी इसी में स्थित हैं ।
सुराबया से कहीं जाने के लिए पुराबया बस टर्मिनल जाना होता है जो दमरी (मिनीबस) से कोई २० मिनट की दूरी पर स्थित है । अंतरनगर बसों को चुनने में भयंकर मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि अंग्रेज़ी का जो संस्करण यहाँ, बहुत कम लोगों द्वारा बोला या समझा जाता है वो मेरी समझ से परे है । प्रोबोलिंगो शहर के लिए बस कोई ३ घंटे का समय लेती है और बस चालू होने के लिए भरना जरूरी होता है जिसमें आधे घंटे का समय लगता है ।
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भरने से पहले बस |
सुराबया बस टर्मिनल (पुराबया, या बुंगुराशि के नाम से भी ज्ञात) से प्रोबोलिंग्गो पहुँचने में 3 घंटे का समय लगता है । प्रोबोलिंग्गो से minibus में कोई 2 घंटे और लगते हैं Cemero Lawang तक पहुँचने में ।
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बस में सामान रखने के लिये किया गया जुगाड़ |
सड़के भारत की तरह हीं, लेकिन थोड़ा कम traffic । आस पास के पेड़ भी जाने पहचाने से - आम, केले, बाँस, नीम, पपीता, अशोका इत्यादि तो भारत में भी दीखते हैं, कुछ और भी प्रकार दिखे । सभी boards अंग्रेज़ी जैसे अक्षरों में, लेकिन
बहासा में लिखे । समझना तो मुश्किल है, लेकिन लोग मददगार हैं । हाँलांकि अंग्रेज़ी नहीं आने के कारण आपको कईयों से पूछना पड़ा सकता है । अपना सामान बेचने के लिए लोग एक-दो बार ही ख़ुशामद करते हैं । उन्हें साफ़-साफ़ मना करने पर अधिक नहीं टोकते ।
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गोभी और प्याज एक खेत में - मई के महीने में |
ब्रोमो ज्वालामुखी
प्रशांत महासागर के आसपास के अग्नि-कुंड, यानि ज्वालामुखी पर्वतों की गोल दिखने वाली हज़ारो किलोमीटर लम्बी रेखा पर स्थित ब्रोमो, तेंगर और सेमेरु पर्वत, पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है ।
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सुबह के वक़्त ब्रोमो ज्वालामुखी |
ब्रोमो ज्वालामुखी पर्वत यूँ तो २०११ में फटा था लेकिन थोड़ा धुँआ इससे अब भी उठता है । यहाँ तक पहुँचने और रुकने की
जानकारी जो wikitravel पर दी गई है, बहुत helpful है ।
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लावा के राख का रंग - काला और भूरा |
लावा की राख के रेत
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लावा की राख के ढेर और मैदान - काले रंग के |
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लावा के मैदान में बसी आबादी । |
वापसी के वक़्त प्रोबोलिंग्गो से सुराबया ट्रेन से गया जो इंडोनेशिया में ट्रेन में चलने का मेरा पहला मौक़ा था । ६-७ डब्बों वाली ट्रेन और स्टेशन पर कोई ५० व्यक्ति । इसमें टिकट ट्रेन के आने से २ घंटे पहले ही मिल गई । भारत में ऐसी कल्पना थोड़ी मुश्किल लगती है । दो महीने पहले की बुकिंग भी आसानी से नहीं मिलती । ट्रेन वातानुकूलित है, और प्रोबोलिंगो से सुराबया जाने में २ घंटे का समय लेती है (105 km) । गाड़ियाँ समय से आती हैं और समय पर पहुँच जाती हैं ।
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ट्रेन स्टेशन का दृश्य |
दिन के १२ बजे के बाद से वापसी की मिनिबस भी मुश्किल से ही मिलती हैं । इसलिये जल्दी लौटना या शाम को वहीं रुक जाने में समय और पैसे दोनो बच सकते हैं ।
भाषा - Bahasa
एक ही शब्द यहाँ सीखा -
से (
ka in Bahasa) ।
प्रोबोलिंग्गो
से सुराबया - Probolingo
ka Surabaya ।
कुल टन (travel) में एक ही चीज़ खली, वो है यहाँ का खाना । मांस से यहाँ भी छुटकारा नहीं है और सोतॉय और नासी गोरेंग के अलावे ज्यादा विकल्प पसंद नहीं आते । चिप्स और बिस्कुट खाकर गुज़ारा हो सकता है ।
अधिक नहीं घूमने के कारण कोई और अनुभव नहीं ले पाया । और समय गुज़ारने लायक जगह लगी । फिर कभी... । और
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