Hello Everyone!
I am about to end my 2 weeks trip to Tanzania. Here is what I felt and saw.
अफ़्रीका के पूर्वी तट पर बसे इस देश में कई पर्यटक आते हैं । मुख्यतः ज़ंज़ीबार (स्टोन टाउन, नुंग्वी और पाजे बीच) अरुषा में किलिमंजारो पर्वत और कई सफ़ारी (सीरंगेटी, मनयारा, ङगोरोङ्गोरो, तरंगीरे) करने के लिए । ये सभी सफ़ारी और देश का सबसे बड़ा शहर दार-अस-सलाम देश के उत्तर में हैं । दक्षिण में सबसे बड़ा नेशनल पार्क Ruaha, और दो बड़ी झीलें Malavi और Tangenika हैं - इन दक्षिणी स्थलों के लिए म्बेया शहर जाना काफ़ी उपयुक्त है । विक्टोरिया झील के पास जाने के लिए म्वांज़ा शहर जाएँ ।
सावधानी
यहाँ लोग छीना-झपटी, मारा-पीटी नहीं करते लेकिन पैसे मांगते या ठगते रहते हैं । गहने या महंगे सामान को ना दिखाएं तो ही बेहतर है । लेकिन बिना चाहे हुए ही, आपको विदेशी देखकर, लोग 'help' करने आ जाएंगे । इसके बाद (मदद करने या कुछ बताने के बाद ) वो आपसे 'Tip' मांगते हैं और उम्मीद रखते हैं । मदद लेने के बाद आप ना कहने की स्थिति में नहीं रहते हैं । इसलिए अगर आपको उनकी Help ग़ैर-ज़रूरी लगे तो पहले ही 'No, thanks' बोल दें । साफ़-साफ़ बोल दें, लेकिन तिरस्कृत न करें ।
यहाँ चीज़ों पर MRP नहीं लिखा रहता । हर चीज तो भारतीय दामों के अनुसार नहीं रहती, लेकिन फिर भी आपको ३५ से भाग देकर रूपयों में उसके मूल्य का आकलन कर लेना चाहिए । क्योंकि लोग विदेशी देखकर काफ़ी अधिक दाम बता देते हैं - ठगाने के chances बने रहते हैं । लेकिन ऐसे लोगों को भी ingnorant या 'भाग यहाँ से' नज़र से ना देखें, प्रेम से मना कर दें । लोग बेचने की कोशिश एक उम्मीद से करते हैं, लेकिन छीना-झपटी नहीं करते ।
यहाँ मलेरिया और पीलेबुख़ार की समस्या है । साधारण (सड़कछाप) रेस्टरां में ना खाएं और हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोएं । अगर किसी होटल में मच्छरदानी ना भी हो तो मांग लें, वो दे देते हैं ।
भारत से आने के बाद
यहाँ India से आने के बाद आप data और बात करने के लिए सिम (SIM) ले लें । Tigo और Halotel के सिम के कवरेज और सर्विस अच्छे हैं - ये दोनो 'Tested OK' हैं । Airtel भी अच्छी सर्विस देता है । इसमें कोई १०००० शिलिंग खर्चने होंगे (लगभग ३०० रु) जिसमें कुछ मिनट और २ GB डेटा मिल जाएगा ।
नगद निकासी - भारत के किसी भी बड़े बैंक में यदि आपका अकाउंट है तो उनको फोन करके अपने अंतर्राष्ट्रीय डेबिट ऑन करवा लें । यह ICICI, HDFC बैंकों में कम से कम available है । इससे आप यहाँ के एटीएम से सीधे कैश निकाल सकेंगे - स्थानीय मुद्रा में । और इनका विनियम दर भी किसी स्थानीय दुकान से बेहतर मिलेगा । लेकिन कुछ बैंक अपने ATM के सर्विस चार्ज लेतें हैं (विदेशी कार्डों से) - जो महंगा हो सकता है । तंज़निया में Stanbic Bank के चार्ज़ भारतीय कार्डों पर बहुत कम हैं । Exim bank का चार्ज ठीक-ठाक, जबकि NBC, Citibank इनके बहुत अधिक ।
नगद निकासी - भारत के किसी भी बड़े बैंक में यदि आपका अकाउंट है तो उनको फोन करके अपने अंतर्राष्ट्रीय डेबिट ऑन करवा लें । यह ICICI, HDFC बैंकों में कम से कम available है । इससे आप यहाँ के एटीएम से सीधे कैश निकाल सकेंगे - स्थानीय मुद्रा में । और इनका विनियम दर भी किसी स्थानीय दुकान से बेहतर मिलेगा । लेकिन कुछ बैंक अपने ATM के सर्विस चार्ज लेतें हैं (विदेशी कार्डों से) - जो महंगा हो सकता है । तंज़निया में Stanbic Bank के चार्ज़ भारतीय कार्डों पर बहुत कम हैं । Exim bank का चार्ज ठीक-ठाक, जबकि NBC, Citibank इनके बहुत अधिक ।
बाज़ार
गाड़ी टोयोटा-सुज़ूकी की, बाइक भी टोयो कंपनी की । कुछ बजाज बॉक्सर, और कम टाटा ट्रक और कई टीवीएस किंग ऑटोरिक्शा मिले । गाड़ियों और mine drilling उपकरणों के लिए अच्छा बाज़ार है तंज़नीया ।
यहाँ लोगों से बात करने पर पता चला कि कपास की खेती तो होती है, लेकिन फिर भी देश बाहर से कपड़ों का आयात करता है । जैसे चीन, बंग्लादेश, भारत आदि देशों से ।
शीशे के सामान चीन से आते हैं, लेकिन बाज़ार में चीनी पहुँच भारत के बाज़ार जितनी ही है । सुना है कि केनया और अंगोला जैसे देशों में चीनी पहुँच बहुत है, यहाँ मध्यम स्तर की है ।
शीशे के सामान चीन से आते हैं, लेकिन बाज़ार में चीनी पहुँच भारत के बाज़ार जितनी ही है । सुना है कि केनया और अंगोला जैसे देशों में चीनी पहुँच बहुत है, यहाँ मध्यम स्तर की है ।
खानपान
यद्यपि यहाँ का खाना मुख्यतः मांसाहारी है लेकिन खाने में साग और राजमा की अनिवार्य उपस्थिति देखकर दंग रह गया । हर पारंपरिक व्यञ्जन में चावल के साथ ये दोनों परोसे जाते हैं ।
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मांस में मुख्यतः बीफ़, मछली और चिकन बनाए जाते हैं । प्रसिद्ध शहरों में पश्चिमी खाना (सैंडविच, पित्ज़ा, बीअर) आराम से मिलता है । लगभग हर शहर में भारतीय रेस्तराँ भी हैं और शाकाहारी खाना भी मिल जाता है - लेकिन मांसाहारी खाने के जैसा सुगमता से नहीं । ज़ांज़ीबार में इमली का जूस भी काफ़ी अच्छा लगा ।
अरुषा का सब्ज़ी बाज़ार देखने के बाद मिर्च की कमी बहुत खली । खाने के रंग भारतीय खाने जैसा होने के बावजूद स्वाद में कुछ कमी सी जो लगती थी, शायद इसी कारण से ।
यहाँ के खाने में एक और चीज़ लेखनीय है - उगाली । यह इडली की तरह दीखता और बनाया जाता है, स्वाद भी लगभग वैसा ही ।
बाज़ार में समोसा और पुलाव, सम्बुसा और पिलाफ़ नाम से बिकते हैं । मध्य एशिया के ये व्यंजन भारत में आने के बाद तो रंगवार-मसालेदार हो गए, लेकिन यहाँ सिर्फ रंगत ही भारत जैसी है, मसालो की तेज़ी नहीं ।
तटीय इलाक़ों में केले, नारियल, आम, कटहल और नीम जैसे पौधे दीखते हैं । लेकिन अंदरूनी तंज़निया में ये पेड़ नहीं मिलते - या सिर्फ़ लोगों के गार्डन में मिलते हैं ।
ज़ांज़ीबार के स्टोन टाउन में - Sealand Hotel (३० USD, डबल बेड के रूम के लिए), मोल-तोल कीजिए फोन पर भी ।
नुंग्वी में कई लोकल हैं - ३५ डॉलर (मोल-तोल कीजिए और कम हो सकता है)
दार-एससलाम - कई, सिटी सेंटर के पास लीजिए ($३५ में मिल जाएगा)
अरुषा - रिच होटेल ।
मोशी - किंडोरोको (बस स्टैंड से पैदल १० मिनट, २५ डॉलर)
यहाँ पर अंदरूनी और आसपास जाने के लिए Precision Air, Fastjet की flight अच्छी है । छोटी दूरियों के लिए डीलक्स बसें ठीक हैं - बस का किराया भारत जैसा ही । ३० किलोमीटर तक की दूरी डालाडाला (मिनीबस) से की जा सकती है - इनमें अक्सर अधिक लोग ठुंसे रहते हैं । बजाजी (टेम्पो, अक्सर बजाज या टीवीएस के) से भी ये दूरियाँ तय की जा सकती हैं । चढ़ने से पहले भाड़ा पूछ लें और तय कर लें ।
तंज़नीया में कई जनजातियाँ रहती हैं (कबीले) । इनमें सबसे प्रसिद्ध है मासाई, लेकिन चेग्गा, पारा, मेरु आदि भी मिलते हैं ।
वैसे मोशी में चेग्गा और अरुषा में मासाई लोग अधिक रहते हैं ।
कुछ काम में आने वाले वाक्य यहाँ से सीखिये -
भाषा के बारे में थोड़ी गहराई से सीखना हो तो मेरा पिछला ब्लॉग देखें । यू ट्यूब पर इस वीडियो से बहुत मदद मिली ।
तंज़नीया का ज़िक्र किलिमंजारो चोटी की एक झलक के बिना अधूरा है। अफ्रीका की सबसे बड़ी चोटी जो बादलों की उपस्थिति में मुश्किल से दीखती है -
तांज़नीया बहुत सुंदर और घूमने लायक जगह है । ग़रीब लेकिन देखने लायक, और business की opportunity भी बहुत अधिक । यहाँ घूमना उतना सस्ता भी नहीं, लेकिन अगर आप यहाँ नहीं गए तो कुछ छूट रहा है ।
अभी के लिए बस इतना ही । और जैसा कि यहाँ कहते हैं - Kwa Heri !
अरुषा का सब्ज़ी बाज़ार देखने के बाद मिर्च की कमी बहुत खली । खाने के रंग भारतीय खाने जैसा होने के बावजूद स्वाद में कुछ कमी सी जो लगती थी, शायद इसी कारण से ।
यहाँ के खाने में एक और चीज़ लेखनीय है - उगाली । यह इडली की तरह दीखता और बनाया जाता है, स्वाद भी लगभग वैसा ही ।
उगाली का रूप और स्वाद इडली के जैसा होता है । |
बाज़ार में समोसा और पुलाव, सम्बुसा और पिलाफ़ नाम से बिकते हैं । मध्य एशिया के ये व्यंजन भारत में आने के बाद तो रंगवार-मसालेदार हो गए, लेकिन यहाँ सिर्फ रंगत ही भारत जैसी है, मसालो की तेज़ी नहीं ।
पेड़-पौधे
तटीय इलाक़े की वनस्पति (ज़ांज़ीबार और दारेससलाम में) । |
तटीय इलाक़ों में केले, नारियल, आम, कटहल और नीम जैसे पौधे दीखते हैं । लेकिन अंदरूनी तंज़निया में ये पेड़ नहीं मिलते - या सिर्फ़ लोगों के गार्डन में मिलते हैं ।
तरंगीरे पार्क (उत्तरी, अदरुनी तंज़नीया) में वनस्पति और पथरीली मिट्टी |
कुछ पते (सहूलियत के लिए)
ज़ांज़ीबार के स्टोन टाउन में - Sealand Hotel (३० USD, डबल बेड के रूम के लिए), मोल-तोल कीजिए फोन पर भी ।
नुंग्वी में कई लोकल हैं - ३५ डॉलर (मोल-तोल कीजिए और कम हो सकता है)
दार-एससलाम - कई, सिटी सेंटर के पास लीजिए ($३५ में मिल जाएगा)
अरुषा - रिच होटेल ।
मोशी - किंडोरोको (बस स्टैंड से पैदल १० मिनट, २५ डॉलर)
यहाँ पर अंदरूनी और आसपास जाने के लिए Precision Air, Fastjet की flight अच्छी है । छोटी दूरियों के लिए डीलक्स बसें ठीक हैं - बस का किराया भारत जैसा ही । ३० किलोमीटर तक की दूरी डालाडाला (मिनीबस) से की जा सकती है - इनमें अक्सर अधिक लोग ठुंसे रहते हैं । बजाजी (टेम्पो, अक्सर बजाज या टीवीएस के) से भी ये दूरियाँ तय की जा सकती हैं । चढ़ने से पहले भाड़ा पूछ लें और तय कर लें ।
लोग - जनजातियाँ
तंज़नीया में कई जनजातियाँ रहती हैं (कबीले) । इनमें सबसे प्रसिद्ध है मासाई, लेकिन चेग्गा, पारा, मेरु आदि भी मिलते हैं ।
मासाई लोग और पहनावा । |
वैसे मोशी में चेग्गा और अरुषा में मासाई लोग अधिक रहते हैं ।
भाषा
यहाँ कई स्थानीय भाषा हैं (पूर्वी अफ़्रीक़ा में ), लेकिन तांज़नीया की सरकारी भाषा है - स्वाहिली । स्थानीय व्याकरणों और अरबी भाषा के कई शब्द मिलकर बनी यह भाषा लगभग सभी बोल लेते हैं ।कुछ काम में आने वाले वाक्य यहाँ से सीखिये -
- स्वागत है - Karibu!
- कैसे हैं - Mjambo?
- अच्छा हूँ - Nzuri (अच्छा, बढ़िया) या Sijambo
- बहुत धन्यवाद - Asante sana.
- बहुत स्वागत - Karibu sana.
- नहीं - Hapana.
- हाँ - Ndiyo.
भाषा के बारे में थोड़ी गहराई से सीखना हो तो मेरा पिछला ब्लॉग देखें । यू ट्यूब पर इस वीडियो से बहुत मदद मिली ।
तंज़नीया का ज़िक्र किलिमंजारो चोटी की एक झलक के बिना अधूरा है। अफ्रीका की सबसे बड़ी चोटी जो बादलों की उपस्थिति में मुश्किल से दीखती है -
कोई ५९९५ मीटर की उँचाई पर किलिमंजारो चोटी, शहर के मकानों और बादलों के उपर । |
तांज़नीया बहुत सुंदर और घूमने लायक जगह है । ग़रीब लेकिन देखने लायक, और business की opportunity भी बहुत अधिक । यहाँ घूमना उतना सस्ता भी नहीं, लेकिन अगर आप यहाँ नहीं गए तो कुछ छूट रहा है ।
अभी के लिए बस इतना ही । और जैसा कि यहाँ कहते हैं - Kwa Heri !