Saturday, 18 July 2015

Most commonly interpolated sounds


ऐसी कुछ ध्वनियाँ जो कई बार एक-दूसरे की जगह प्रयुक्त होती हैं; या संधि करते वक़्त एक-दूसरे में बदल जाती हैं ।

I have compiled some sounds of speech (Phonemes) that get approximated most often. I am NOT a linguist at all; however I'd be glad to see experts' comment on any inconsistency, they might observe.


क्या आपने किसी को युवा को जुवा बोलते हुए सुना है, या शिकागो को चिकागो बोलते सुना है? अगर हाँ, तो ये blog आपके लिये लिखा जा रहा है । आपको मालूम है कि मध्यकाल के विशाल तुर्क साम्राज्य को अंग्रेज़ी में Ottoman कहते हैं जबकि हिन्दी-उर्दू में उस्मानी, ऐसा क्यों ? इसमें ये बताया जाएगा किए ऐसे interpolation अन्य किन भाषाओं में देखने को मिलते हैं । इस लेख में उच्चारण के लिए उचारना इस्तेमाल किया गया है ।

नागरी वर्ग के अन्दर


सबसे पहले तो ये जान लें कि देवनागरी और अन्य भारतीय वर्णमालाओं में व्यञ्जन वर्गों (क,च,ट,त,प) के पहले और तीसरे अक्षरों में बहुत समरूपता है । पहले, अक्सर तीसरे में बदल जाते हैं । दूसरे और चौथे में भी इसका प्रयाण होता है, लेकिन अपेक्षाकृत कम । जैसे, दि - दिग्गज में बदल जाता है, और उ - उभव में ।

इनको एक साथ इस सूची में रखा जा सकता है = क -ग, च-ज, प-ब, ट-ड, त-द इत्यादि । इनके बारे में और जानकारी संधि के नियमों को जानकर ली जा सकती है । यद्यपि ऐसे प्रयाण विदेशी भाषाओं में भी लगभग हर जगह होते हैं, ये पृष्ठ ऐसे साफ़गोचर ध्वनियों के लिये नहीं बनाया गया है ।

इतना ध्यान में रखें कि दक्षिण भारत की तरह लगभग संपूर्ण विश्व में वर्गों के दूसरे और चौथे वर्णों का प्रयोग नहीं के बराबर होता है । यानि, (ख, घ, छ, झ, ठ, ढ, थ, ध, फ, भ) - ये वर्ण दुनिया की सारी वर्णमालाओं में बहुत कम में पाए जाते हैं । जहाँ अरब ख़ और ह अधिक कंठ्य उच्चारित करते हैं, वहीं मराठी में 'झ' का उच्चारण zz ध्वनि की तरह होता है ।


नागरी वर्ग के पार


लेकिन वर्गों के अन्दर के बदलाव के अलावे भी वर्णों में कई वर्तन (morphing) होते हैं - क-च-ग, ज-ग-ह, क़-च इत्यादि । हम आगे इनके बारे में जानेंगे ।

व्यंजन अंतरण -

  • क ~ च  - उदाहरण के लिए ऋक् -ऋचा को लीजिये । संस्कृत में शो - शोति में बदल जाता है । इसी तरह  English Letter Ch को च की तरह उचारते हैं, जैसे च्वाइस (Choice) में; और C को क की तरह (Cord) । ऐसा प्रयोग इटालियन में सबसे प्रमुखता से मिलता है जहाँ कुछ vowel (स्वर; e, i ) के पहले आने वाले cc को च की तरह और अन्यथा क की तरह बोलते हैं । इनके अपने नियम हैं जो अंग्रेजी से अधिक स्थाई हैं ।  जैसे 'मोनिका बेलुच्ची' को Belucci लिखते  हैं, जिसे अनजाने में बेलुक्की भी पढ़ा जा सकता है । इसी तरह बोफ़ोर्स कांड में फँसे Ottavio Quattrocchi का उदाहरण है । 1
    अलग उच्चारण में जीभ की स्थिति (मोटे तौर पर) - समान ध्वनियों के उच्चारण स्थान निकट हैं ।
  • च ~ स - ये तमिळ में कई जगहों पर देखने को मिलता है । मूल तमिळ में  की ध्वनि के लिए   (ச) अक्षर का ही इस्तेमाल होता है । जैसे सिवा (शिव) को लिखने के लिए चिवा  (சிவ)लिखा जाता है, हाँलांकि पढ़ते है सिवा । लेकिन यही अक्षर ध्वनि के लिये भी प्रयुक्त होता है; जैसे दसवीं सदी का प्रसिद्ध साम्राज्य - चो (சொழ)। इसके अलावे असमी में भी  চ, एक ही अक्षर,  च और स के लिए इस्तेमाल होता है   यही अक्षर पड़ोसी बाँग्ला में केवल 'च' की ध्वनि के लिए इस्तेमाल होता है ।
  • च ~ श - ग़ौर कीजिये कि अंग्रेज़ी में ch कभी 'च' और कभी 'श' की तरह उचारे जाते हैं । जैसे choke - चोक, chute - शूट  । ऐसा फ्ऱांसीसी प्रभाव के कारण लगता है । फ्ऱेंच में तो 'Ch' को श ही बोलते हैं; जैसे Chocolate को शॉकलात पढ़ते हैं । लगभग ऐसा ही अरबी में भी देखने को मिलता है जहाँ चाय को शाय उचारा जाता है । ध्यान रहे कि अरबी वर्णमाला में 'च' की ध्वनि होती ही नहीं है । ऐसा ही उच्चारण आप नेपाल और आसपास के लोगों के बोलने में भी पा सकते हैं । 
  • य ~ ज - बिहार और बंगाल के कई लोग को से उचारते है, जैसे योग को जोग । लेकिन सिर्फ बंगाल में ही नहीं, दुनिया में और भी कई संस्कृतियों में इसका चलन है । जैसे - येरुशलम~जेरुशलम में, और यूसुफ़ ~ जोसेफ़ में भी इसकी छाप आपको मिलेगी । इसके अलावे इंडोनेशिया और वियतनाम में भी अंग्रेज़ी के अक्षर (y) को से उच्चारित किया जाता है । योग्याकार्ता (Yogyakarta) का स्थानीय उच्चारण जोग्जकार्रता है ।
  • थ ~ स - आपने कभी किसी नेपाली या उत्तरपूर्व के व्यक्ति को (Three) थ्री बोलते हुए सुना है । अक्सर वो श्री जैसा कुछ बोलते प्रतीत होते हैं (कम से कम मुझे) । चीनी भाषियों की बोलचाल में भी अंग्रेजी के 'Thank you' को 'शैंक यू' जैसा कुछ सुनने को मिलता है । आपको मालूम है कि इस्तांबुल में केंद्रित विशाल तुर्क साम्राज्य को अंग्रेज़ी में उस्मानी नहीं कहते है; Ottoman कहते हैं ।  यहाँ Uthman, Usman के लिए इस्तेमाल होता है । इसी प्रकार हदी को अंग्रेज़ी में Hadith लिखते हैं । क्या translation के लेन में भी ऐसा ही संदेश है? मैं तो नहीं जानता इसके आगे ।
  • ह ~ ग - H/G. सबसे पहला उदाहरण तो संस्कृत शब्द Maha और लैटिन Mega की समानता से मिलता है । हिन्द-आर्य भाषाओं के विद्वान इतने मात्र से ख़ुश हो जाएंगे । लेकिन यहाँ आपको बता दें कि ये रूपवर्तन Tamil में भी उतनी ही आसानी से गोचर होता है । तमिळनाडु के गाँवों में (हाँ, सिर्फ़ गाँवों में ही) हिमांशु को गिमांजु पढ़ा जा सकता है । कहीं अंग्रेज़ी में इन अक्षरों (G,H) के एक-दूसरे के आसपास रहने का यही राज़ तो नहीं ? संधि का एक उदाहरण - संस्कृत में स्नेह - स्निग्ध में बदलता है, दुह-दुग्ध में और मोह-मुग्ध में । सहोदर-सगा के संबंध का भी यही मूल हो सकता है । बोलचाल की तमिळ में महाशिवरात्रि को मगाशिवरात्रि कहा जाता है ।
  • H~Kh - अरबी में जहाँ उष्म ध्वनियों की बहुतायत है (हिन्दी के मुकाबिले) यह स्थांतरण देखने को मिलता है । उष्म ध्वनियाँ उनको कहते हैं जिनमें बोलने के समय हवा एकदम सँकरे रास्ते से गुज़रती है । जैसे बोलने में या या ह बोलने में ।  Hebrew का Halet - अरबी में Khalid बन जाता है ।
  • क़ ~ च - ये 'क' और 'च' वाले वर्तन से थोड़ा अलग है । यहाँ अरबी में ख्यात 'क़' का अंतरण 'च' में होता द्योत है । स्पेनिश में Q को च उचारा जाता है, जबकि अरबी में क़ (जैसे रक़ीब में - Raqeeb) । इस बात का असर स्पेनिश-पुर्तग़ाली उपनिवेशों और आसपास की भाषाओं के शब्दों में मिलता है । जैसे कि स्पेनिश में अरबी का मस्जिद - मेस्चिता बन जाता है जिसे Mesquita लिखते हैं । यही अंग्रेज़ी तक आते-आते Mosque बन जाता है । इसी प्रकार चीन के क्यांग (Qiang) को च्यांग पढ़ा जाता है । दक्षिण-पूर्व एशिया में भी यही चलन है । बर्मा की प्रसिद्ध नेता आंग सान सूची की अंग्रेज़ी Ang San Su Qui होती है जिसकी वजह से, ग़लती से लोग उन्हें आंग सान सूकी भी कह देते हैं ।
  • स~ज़ - शब्दशः जो विसन (Vision) दिखे उसको विज़न कहना । इसी प्रकार क्रियाओं के अन्त में Visualisation को Visualization जैसा पढ़ते-लिखते हैं ।
  • ग~ज - ऐसा अरबी में बहुत देखा जाता है जहाँ नहीं होता । तो 'ग' से बनने वाले शब्दों में 'ज' डाल दिया जाता है - ऐसे शब्द, विदेशी भाषाओं से लिये जाते हैं । जैसे गैब्रिएल (Gabriel) को जिब्राइल कहा जाता है । अंग्रेज़ी में भी G अक्षर का दोनों इस्तेमाल होता है - Get और Gene में । मिस्र की अरबी में माल को Gamal लिखा जाता है, हाँलाकि उच्चारण जमाल ही होता है ।
  • ल~र - प्रमुख उदाहरण चीनी भाषा में थ्रो- स्लो वाली जोड़ी से । पहले 'थ'~'स' बना और 'र'~'ल' । इसके अलावे पोलिश में मार्ग्रेट को Malgorzata लिखते हैं जहाँ पहले 'र' की जगह 'ल' का उच्चारण होता है । जापानी में इसका ठीक उल्टा होता है जहाँ 'ल' होता ही नहीं है । अतः बाहरी भाषाओं से आए ऐसे शब्दों में जहाँ 'ल' होते हैं, र से बदल दिए जाते हैं । यानि वहाँ इंग्लिश को इंग्रिश और लोशन को रोशन कहा जाएगा ।
  • क ~ ग - तमिळ नामों में विनाय, प्रायः विनायगा बन जाता है । इसी तरह जिसे अंग्रेजी में कैट (Cat) कहते हैं, उसे स्पेनिश में Gata कहा जाता है । लेकिन देवनागरी के एक ही वर्ग में स्थित होने के कारण अधिक आश्चर्य नहीं ।


स्वर अंतरण

  • ओ ~ उ - फ़ारसी में गुल को गोल उचारते हैं । इसी तरह ख़ुदा को ख़ोदा और सुख़न को सोख़न कहने का चलन है । दोनों ही ह्रस्व स्वर हैं ।
  •  ऐ ~ ई - ये भी फ़ारसी, अरबी जैसी भाषाओं में देखने को मिलती है । ग़ैर और ग़ीर दोनो को एक जैसा ही लिखा जाता है । इसी प्रकार ए और इ में भी अंतरण देखा जाता है; जैसे गेसू ~ गिसू ।

स्वर से व्यञ्जन

  • u ~ v - संस्कृत और  Arabic जैसी भाषाओं में गोचर होता है । संस्कृत में मनु से मानव बनता है, और रघु से राघव । अरबी में नूर~अनवार बनता है, जहाँ अ शुरु में आया और ऊ की मात्रा व में तब्दील हो गई ।  ध्यान दीजिये कि अरबी में व और ऊ के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल होता है - वाव (و) ।
  • ई ~ य - संस्कृत में और अरबी में  ऐसा देखने को मिलता है । संस्कृत में संधि- संध्या बनती है । इसी तरह इ से अंत होने वाले शब्द स्वर संधि में य में बदल जाते हैं । अरबी में इन दोनों ध्वनियों के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल में आता है - या (ي) । लेकिन इसी प्रकार अंग्रेजी का y भी य और ई दोनों के काम आता है - जैसे rosy और you में ।
इसके अलावे कई स्थानों में ध्वन्यंतरण उनके आस-पास की भाषाओं के संपर्क में आने से स्पष्ट देखने-सुनने को मिलती हैं ।
ऐसी कई ध्वनियाँ उनके उच्चारण के लिए प्रयुक्त होने वाले मौखिक स्थान के आसपास होने के कारण एक-दूसरे में बदल जाती हैं । इसका अधिक उल्लेख इस लेख में देखें (अंग्रेज़ी में) । लेकिन इससे अधिक व्याख्या मेरे वीक्षण-विश्लेषण से परे है, आपकी नज़र में कुछ और विश्लेषण हो तो ज़रूर लिखिएगा ।

लेकिन सावधान - ये सभी आँकड़े भारतीय, यूरोपीय, शामी और एशियाई भाषाओं से लिए गए हैं, जिनका संपूर्ण ज्ञान मुझको बिल्कुल भी नहीं है । एफ़्रीक़ी और लातिन एमेरिकी मूल भाषाओं के ज्ञाता इस पर और प्रकाश डाल सकते हैं, मैं उनके बारे में कुछ भी नहीं कह सकता, कुच्छ भी नहीं । इनके बारे में जो भी आधारभूत संक्षिप्त जानकारी चाहते हों, शुरुआत के लिए विकिपीडिया के इस लेख पर देख लें (अंग्रेज़ी में)।

वैसे ये सब लिखने का मतलब क्या है?


जब भाषाविद, ख़ुद इन सब (और इससे कहीं अधिक) को जानते हैं, तो ये लिखने का मतलब क्या है ? मेरा उद्देश्य सिर्फ़ एक observation प्रस्तुत करना था; कोई सिद्धांत नहीं । और ये पर्यवेक्षण किसी और सिद्धांत को जन्म दे सकता है - सही नज़र वाले को । मेरी नज़र ऐसी नहीं, किसी की तो होगी !

वैसे ये लिखने का एक उद्देश्य, इस विषय में रोचित ऐसे पाठकों तक पहुँचना भी था जो ये जान लें कि कभी भी उपरोक्त सूची से अलग की ध्वनियाँ वर्तित नहीं होतीं । जैसे 'ज' कभी 'ल' में नहीं बदलता । या 'श' की ध्वनि कभी 'प' में नहीं बदलती, इत्यादि । अगर आपको ऐसा नहीं लगता तो कृपया मुझे और बाक़ी पाठकों को भी बताएं ।



1 ये बात ग़ौर कीजिये कि जर्मन, रूसी सहित अन्य पूर्वी यूरोपीय भाषाओं में क की ध्वनि के लिए K का ही इस्तेमाल होता है । रूसी में C का इस्तेमाल सिर्फ़ S (स) की ध्वनि के लिए होता है । इसलिये जिसे हम सोवियत संघ कहते थे, उस सोवियत ज़माने के किसी झंडे में USSR के लिए CCCP लिखा हुआ मिलेगा - इसको रोमन में SSSR पढ़ेंगे ।

Tuesday, 7 July 2015

A brief glimpse of Viet Nam - Hanoi and Halong bay

Street Food, Old Quarter, Street Performances in weekend, Ha Long bay etc. are the most notable parts of the trip.

वियतनाम का नाम सुनते ही १९७२ के युद्ध की याद आती है - हॉलीवुड और हमारे कम्युनिस्ट प्रभावित पाठ्यक्रम की वजह से ।लेकिन यहाँ हानोई का फूटपाथ वाला खाना और हालॉंग खाड़ी का वृत्त उल्लेखनीय है । इसके अलावे यहाँ की कॉफ़ी भी बहुत असरदार है । जून के महीने में तापमान और उससे भी कष्टदायक आर्द्रता, दिन के ९ बजे से ही तेज़ लगती है ।

हा नॉय के व्यावसायिक हिस्से में । पारंपरिक गली-संस्कार से विहीन ।

एक चीज़ जो वियतनाम आने से पहले मुझे पता नहीं थी वो ये कि यहाँ नाम एक पद के ही होते हैं । वियतनाम को 'विएत नाम' Viet Nam लिखते हैं, हनोई को 'हा नॉय' Ha Noi । इसमें उच्चारण की और भी पेँचीदिगियाँ है, जैसे उदात्त जैसे स्वर ।

हा नोइ (Ha Noi)


हनोई चीन की सीमा से १०० किमी और प्रशांत महासागर (या दक्षिणी चीन सागर) से भी इतनी ही दूर स्थित है । झीलों से पटा; छोटा, लेकिन भीड़ भरा । आग्नेय एशिया में आने वाले भारतीयों में कम ही यहाँ आते हैं । कारण - अंग्रेज़ी मीडिया (यानि अर्णब गोस्वामी) पर इसका गुणगान कम ही गाया जाता है, और यहाँ के लोगों को अंग्रेज़ी कम ही आती है । राजधानी हानोई के सबसे अधिक पर्यटको वाले इलाके में भी शुद्ध, समझ में आने वाली अंग्रेज़ी कम ही लोग बोलते हैं ।

हानोई के पारंपरिक हिस्से की गलियाँ
अपने कॉलेज के दिनों में Tower of Hanoi के प्रॉब्लम्स बहुत बनाया था । यहाँ आया तो ढूँढता रहा, लेकिन अपने छोटे से ट्रिप में व्यावसायिक इलाके में एक होटल जैसे दीखने वाले हानोई टावर्स के अतिरिक्त यहाँ कुछ नहीं मिला ।

हानोई टावर्स - इसमें प्रोग्रामिंग की कोई झलक नहीं दिखती ।
वैसे विकिपीडिया पढ़ने पर मुझे पता चला कि बनारस के काशी-विश्वनाथ मन्दिर में  ऐसी ६४ चकत्तियाँ रखीं हैं जिनको इसी क्रम में तीन खूँटों में बदला जाता है ।


उल्लेखनीय है यहाँ का खाना । आते ही मेरा सामना हुआ चावल से बने पन्ने से । पन्ने से नहीं, बल्कि कहिये पन्नी से - आप ही देख लीजिये । कहने को तो इसे राइस पेपर कहते हैं, पर इसे राइस मेम्ब्रेन कहना चाहिए था ।


राइस पेपर - चावल से बना पन्नी जैसा । सूप में डुबोने के ५ सेकेंड बाद मुलायम और खाने लायक बन जाता है ।

ओल्ड क्वार्टर

हानोई के सबसे टनी इलाक़ो में से एक है ओल्ड क्वार्टर । ये गलियाँ आपको पर्यटकों से भरीं लगेंगी; मुख्यतः यूरोप से आए । खाना काफ़ी चीनी जैसा है - मांस और नूडल से भरा । लेकिन बारबीक्यू और चावल के बने पृष्ठ (ऊपर की छवि में) बहुत अजीब लगते हैं ।
Old Quarter में शाकाहारी खाना!
संयोग से मुझे हानोई के ओल्ड क्वार्टर में ही शाकाहारी खाने का भी अवसर मिला - हाँलांकि मैने ऐसा ऑर्डर नहीं किया था । लेकिन प्लेट में सफ़ेद नूडल के साथ  Bean Curd (सोयबीन के दूध को जमाकर और फिर तला हुआ) और सलाद । खीरे के साथ जो पत्तियाँ रखी हैं वो तुलसी जैसी लगती हैं, लेकिन तुलसी से अलग हैं ।


गली का खाना


ग़लियों में मिलने वाले मचिया (small stools) पर बैठकर खाते हुए खाने का जो आलम मैने यहाँ देखा, कहीं और नहीं । भारत में इनको दोयम दर्जे का माना जाता है जो सफ़ाई और स्वास्थ्य कारणों से सही भी लगता है । लेकिन ३८ डिग्री सेल्सियस और ९० प्रतिशत नमी में खाते हुए ज़रा भी नहीं लगता कि आप कुछ ग़लत कर रहे हैं । सस्ता लेकिन उतना भी सस्ता नहीं । बारबीक्यू और तुलसी जैसी पत्तियाँ, खीरे ।
हानोई में गलियों में खाना खाते लोग - पारंपरिक स्वाद यहीं मिलता है

जो चीज़ यहाँ काफ़ी अलग लगी वो है यहाँ की कॉफ़ी - असरदार और कैफीन से भरी । यहाँ आग्नेय एशिया में ऐसी कॉफ़ी नहीं मिलती । सिंगापुर में भी मैने यहाँ की कॉफ़ी के किस्से सुने थे ।

बारबीक्यू (ताव पर पके गोश्त) यहाँ आम हैं ।
हा नोई की इन गलियों में रात को ७-१० बजे के बीच मेले जैसा मौसम रहता है । ख़ासकर सप्ताह के अंतिम दिनो में । खाने के लिए गलियों में लगे पीढ़े, गलियों में कहीं गाने, कहीं नाच, कहीं लोकवाद्य और कहीं गिटार पर कोई पश्चिमी गीत । नहीं, कोई भारतीय गाना बजते मैने नहीं सुना । लेकिन टीवी पर, ४० चैनलों में से एक चैनल पर, एक भारतीय सीरियल चल रहा था जिसके संवाद तो वियतनामी भाषा (तिएंग विएत) में dubbed (ध्वन्नय) थे, लेकिन बीच के गाने हिन्दी में यथावत बज रहे थे । वैसे बता दूँ कि यह धारावाहिक मोहतरमा एकता कपूर का बनाया हुआ था - साथ साथ बनाएँगे एक आशियां

रात में गली में प्रदर्शन करते कलाकार
इसी ट्रिप में मेरे साथ आए सौविक का ब्लॉग हानोई की शाम को कुछ यूँ बयान करता है ।(अंग्रेज़ी में, विस्तार से)


हा लोंग खाड़ी (Ha Long bay)

दूर तक फैली हुई खाड़ी और छोटे पहाड़ । और दूर, उस पार दक्षिणी चीन सागर और प्रशांत महासागर है ।

हालोंग खाड़ी हनोई के पूर्व, तट पर छोटी पहाड़ियों से भरा एक समुद्री निकाय है जो दक्षिणी चीन सागर के किनारे है । यहाँ की ख़ासियत है पहाड़ियों के भरे समुद्री खाड़ी की ।

हा लोंग खाड़ी- पहाड़ों के पार प्रशांत महासागर है ।
हम यहाँ दो दिन रुके । शांत जगह थी, लेकिन कई जहाजों पर कई और पर्यटक भी थे । जहाज से मेरा मतलब ४० लोगों के रहने और सोने लायक दो मंज़िले पोत से है । यहाँ का पानी दिखने में तो थाईलैंड जैसा नीला और पारदर्शी नहीं है, लेकिन तैरने के लिए ज़रा भी सोचना नहीं पड़ता । बाहर के वातावरण की आर्द्रता आपको अधिक देर बाहर घूमने की इजाज़त नहीं देती । अगर समुद्री ताज़ी हवा खानी हो तो रात का समय सबसे उपयुक्त है ।

विएतनाम के खेतों की झलक ।

बोलचाल के कुछ शब्द

इससे पहले कि इस देश की भाषा का कोई शब्द मैं सीखता, मैने ग़ौर किया कि यहाँ बोलचाल में प, ब और फ़ ध्वनियों की कमी है । ये मेरे ४ दिनों के टन में महसूस किया गया वीक्षण है, लेकिन ग़लत हो सकता है । भाषाविद् इस पर टिप्पणी या ग़ौर करें तो मैं भी जानूँ ।

Water - nước (नुओख़)
क्या - cái gì (चाइ जी)
कैसे - gò (जो)
कहाँ - ओ दॉउ (O Dau)
कौन - अऐ (Ai)
ठंडा - Lanh (lang)
गरम - Nong (nom)
वैसे भाषा की पेचीदगी बहुत है क्योंकि इसके बोलने वाले आपने कम देखे होंगे और यहाँ के वासियों को अग्रेज़ी कम ही समझ में आती है । लेकिन इशारों और हाथों की मुद्राओं का जवाब नहीं, काम आ ही जाती हैं ।

तस्वीरों के लिए यहाँ क्लिक करें । मैं यहाँ तीन दिन ही रहा - इच्छा थी एक हफ़्ता और गुज़ारूँ । लेकिन ये नौकरी - करनी ही पड़ती है । अगर आपको हानोई की गलियों के एकदम ख़ास व्यंजनों की सूची चाहिए तो यहाँ देखें । मेरे साथ गए सौविक का अंग्रेज़ी में लिखा वृत्तांत यहाँ पढ़िये जो इस ब्लॉग से अधिक विस्तृत है।

 गर्मियों में एक सर्द साँस और अगले टन तक विदा !

Friday, 3 July 2015

Second glimpse of Indonesia - Bintan

A weekend trip to Bintan Island, just south of Singapore.

बिन्तन में चिन्तन


बिन्तान, सिंगापुर से कोई ५० किमी दक्षिण में है । अंग्रेज़ी न जानने वाला, खनिज से भरपूर और इंडोनेशिया के मुख्य द्वीपों से दूर एकदम अलग । कोई ५० किमी लंबा और इतना ही चौड़ा द्वीप । यहाँ सिंगापुर से बहुत लोग बीचों के लिए आते हैं । यह बताम के मुकाबिले अधिक खाली और इस कारण प्राकृतिक लगता है ।

बिन्तान का त्रिकोरा बीच
इंडोनेशिया और आग्नेय एशिया के इतने चक्कर लगाकर ये समझ में आया है कि संसाधनों पर इंसानों का दबाव भारत के मुकाबिले कम है । चाहे सड़क हो या ट्रेन स्टेशन या बीच, प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उसी साधन के लिए कम लोग दावा कर रहे होते हैं । बीच पर बेहतर स्थान के लिए कम लोग, ट्रेन स्टेशन पर कोई १०० लोग, सड़क पर बसों में उपलब्ध जगहों से कुछ ही अधिक लोग । इसी कारण जीवन में मारा-मारी (चिल्ल-पों कह लीजिए) कम है ।


बिन्तान में सड़क - बाईँ तरफ़ चलती गाड़ियाँ और प्रायः खाली


लेकिन इलाका ग़रीब ही है, इस लिए यूरोप की तरह प्रगतिकृत नहीं लगता । जनसंख्या यहाँ भी बढ़ रही है, पता नहीं आगे कैसी रहेगी ये जगह, लेकिन अभी तो आने लायक लगी ।

त्रिकोरा बीच पर बहुत कम भीड़


बाक़ी, लोग बड़े भले । अंग्रेज़ी न जानने के बावजूद मददगार । पूर्वी तट पर त्रेकोरा बीच बड़ा शांत है । हम जब वहाँ गए तो मानसून आया था - इसलिए समुद्र थोड़ा रूद्र लग रहा था । लेकिन चीनी नव वर्ष होने के कारण बहुत कम लोग दिखे ।


चीनी नववर्ष चन्द्र पञ्चांग पर आधारित होता है और हर साल फ़रवरी के आसपास आता है । भारतीय पञ्चाङ्गों की तरह यहाँ भी हर तीसरे साल एक अतिरिक्त तेरहवाँ महीना आता है । यह चन्द्र गति पर आधारित सालों (३६३ दिन) को सूर्य आधारित वर्ष (३६५ दिन) से मेल कराने के लिए होता है । इस तरह के पञ्चांगों को चन्द्र-सौर पंचांग कहा जाता है । इस द्वीप पर रहने वाले लोगों में १० प्रतिशत चीनी मूल के हैं और मेरी कार के ड्राईवर के अनुसार वो व्यापारिक तंत्रों के शीर्ष को नियंत्रित करते हैं ।


भारतीय या यूरोपीय खाने वालों को दिक्कत । पदांग शैली के बुफ़े मिल जाते थे । लेकिन भाषा की समस्या बाली से अधिक गंभीर । अच्छी बात ये कि सबकुछ लैटिन लिपि में ही लिखा, लेकिन बुरी बात ये कि चंद शब्दों के अलावे कुछ समझ ना आए । और स्थानीय लोगों को, दुकानदारों को अंग्रेज़ी के नाम पर यस-नो के अलावे कुछ मालूम नहीं ।

बिन्तान में फूडकोर्ट - व्यञ्जनों के नाम बहासा और अंग्रेज़ी में लिखे हुए ।

बोल-चाल

बाकी इंडोनेशिया की तरह यहाँ भी बहासा का चलन है । कुछ शब्द जो यहाँ पता चले -

चिकन को अयाम (Ayam) कहते हैं । इसके अलावे पेट्रोल को Bensene (बेंसीन) कहते हैं तो डीज़ल को Solar (सोलार) । और तो और दूध को  Sussu (सुस्सु !) कहा जाता है । अगर भारत में इसको कोई ऐसा कहे तो लोग खा न पाएँ !

उपर लगाई तस्वीरों से आपको आकर्षक तो बहुत लगा होगा - ये है भी । लेकिन तीन दिन में एक स्थान को संक्षेप में ही समझा जा सकता है । सच्चाई, भीड़ और परेशानी से कभी रू-ब-रू हो तो ही कोई कह सके कि कैसा है । लेकिन तस्वीरों पर एक नज़र ज़रूर घुमा लें ।