A few places and culture in southern India - Central Tamil Nadu.
दक्षिण भारत में ४ दिनों का एक टन - मध्यवर्ती तंजौर और आसपास - कुंभकोणम्, नागापट्टिणम, वेलंकण्णी और त्रिचुरापल्ली । इन इलाकों से कावेरी नदी बहती है और धार्मिक रूप से आकर्षण का केंद्र रही है । इस जिले के ग्रामीण इलाकों की कुछ तसावीर -
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तंजौर जिले के ग्रामीण इलाक़े |
तंजावुर जिले में कोई २५०० मंदिर हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध है बृहदेश्वर मंदिर । स्थानीय भाषा में इसे
पेरिया कोविल (बड़ा मंदिर) भी कहते हैं और
ब्रिगद्देश्वरा भी ।
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रात की धुंधली रोशनी में बृहद्देश्वर मंदिर - ११वीं सदी में बना शिव मंदिर |
आगे बढ़ने से पहले इलाके के बारे में - यह मदुरै और चेन्नई के बीच आता है। रास्ते के आसपास के नगरों का विवरण यहाँ देखिये -
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नागापट्टणम औक कुंभकोणम् का रास्ता |
तंजावुर
तंजावुर शहर मध्यम आकार का है, लेकिन शांत है । सड़के मारा-मारी और हॉर्न से विहीन तो नहीं, लेकिन परेशान नहीं दीखतीं । अप्रील की शुरुआत में बहुत गर्म । बृहदेश्वरा शहर के एक छोर पर बसा है, यहीं नया बस स्टैंड भी है ।
तंजावुर महल के म्यूज़ियम भी बहुत अच्छे हैं । सरस्वती महल लाइब्रेरी भी अच्छी है ।
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तंजावुर के नायक राजाओं के महल की सजावट |
तंजावुर नायक महल (१५३०-१७३०) के बीच के राजाओं का महल था । इसके अंदर की सरस्वती लाइब्रेरी में तमिळ और मराठी के लिखे धार्मिक और ऐतिहासिक साहित्य मिलते हैं । इसके संग्रहायल में एक नायक राजा के आदेश पर चारों वेदों को मिलाकर बनी एक पुस्तकाकार संहिता भी मिलती है । इसके पन्ने एक अख़बार के आधे हैं और इसमें कोई २००० पन्ने दीखते हैं जो देवनागरी लिपी में संस्कृत में लिखी है ।
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महल का घंटाघर |
तंजावुर की ज़िला लाइब्रेरी ।
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तंजावुर की ज़िला लाइब्रेरी - अप्रील की गर्मी में |
कुंभकोणम
कुंभकोणम शहर भर में कोई १०० मंदिर होंगे । सबसे प्रसिद्ध है नवग्रह मंदिर जो शहर के आसपास २५ किमी में अलग-अलग दिशाओं में बने हैं । जैसा कि नवग्रह मंदिरों में अक्सर होता था - ये एक दूसरे से एक अष्टकोण के आकार में अवस्थित होते थे ।
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कुंभकोणम के प्रसिद्ध सरोवर के पास की सड़क - तीन मंदिर |
कुंभकोणम में वेद पाठशाला बहुत पुरानी है ।
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कुंभकोणम के पास की कावेरी नदी - नहर से अधिक नहीं (शुरुआती अप्रील में) |
नागापट्टिणम - वेलंकण्णी
नागापट्टिणम् का वो बीच जहां सुनामी का सबसे अधिक असर हुआ -
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वेलंगणी बीच पर अब-सब बराबर दीखता है । |
यहाँ से १० किलोमीटर उत्तर में प्रसिद्ध दरगाह शहर नगर है जबकि दक्षिण में ईसाई केन्द्र वेलंगण्णी ।
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वेलंगण्णी का Basilica Church |
यह सोलहवीं सदी में पुर्तगीज़ लोगों द्वारा बनाए गए चर्च के स्थल पर बनी नई इमारत है जहाँ मैं त्रिवेन्द्रम से आए एक जोड़े से मिला ।
बात करने के लिए
यहाँ तमिळ के अलावे अंग्रेज़ी ही काम देगी । हाँलांकि पानीपुरी बेचने वालों से हिन्दी में बात कर सकते हैं जो इलाहाबाद और कानपुर से आए हैं ।
भाई - अण्णा (भूल के भी तंबी मत कहिये)
क्या, कैसे - एन्ना, एप्पडी
कितना समय - एत्तणा मणिक्की
कब - एप्पो
खाना - साप्पडा
बस किधर मिलेगी - बस एंगे वरिगै
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