A trip to Lake Toba in sumatra. Lake has an Island of the size of Singapore and is populated by Batak people.
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तोबा झील का समोसीर द्वीप - बाईं ओर द्वीप और दाहिनी ओर मुख्य भूमि |
उत्तरी सुमात्रा में ज्वालामुखी झील तोबा एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है । सुमात्रा के उत्तर में मेदान हवाई अड्डे से १५० किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम । झील के बीच समोसीर द्वीप है जो आकार में सिंगापुर देश के इतना बड़ा है । इस द्वीप पर कई गेस्ट हाउस हैं जो 4-5 दिनों की छुट्टी, शांति से बिताने के लिए उपयुक्त हैं । जान लें कि झील 440 मीटर गहरी है ।
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पारापत बाज़ार में पान बेचती महिला । पान का स्थानीय नाम पता नहीं कर पाया । |
यहाँ बताक प्राग्वासियों का घर है - ये बात तो आपको इंटरनेट पर पढ़ने पर मिल जाएगी । जो बात नहीं मालूम वो ये कि यहाँ पान भी मिलता है । हाँ, पान ! लेकिन स्थानीय भाषा में क्या कहते हैं मालूम नहीं । सुमात्रा को स्थानीय भाषा में Suma
tera लिखते हैं - सुमा
तेरा ।
जाने के लिए मेदान से ट्रेन लेकर सियांतर और फिर वहाँ से पारापत (तिग्गा राजा हार्बर) और शा के सात बजे आख़िरी नाव लेकर समोसीर द्वीप के (टुक-टुक) तक जा सकते हैं । दिन में एक ही ट्रेन मेदान से पारापत के निकट सियांतर को जाती है, दिन के १ बजे के आसपास । सियांतर से टैक्सी या मिनी बस में परापत आया जा सकता है । टैक्सी वाले पैसेंजर के भरने से पहले टैक्सी नहीं चलाते । आप मेदान से पारापत की सीधी बस या टैक्सी भी ले सकते हैं । इस सीधी टैक्सी का किराया, ५लाख रुपिया होगा (इंडोनेशिया की मुद्रा रुपिया, भारतीय मुद्रा में इसका मूल्य २५०० रु हुआ. सितंबर २०१५) ।
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Medan Airport से झील तक आने का रास्ता । |
यहाँ पर चर्चों की संख्या, मुझे लगता है, इंडोनेशिया के किसी और इलाकों के मुकाबले सबसे अधिक है । मुख्यतः कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट हैं । जहाँ कैथोलिक को Katolik लिखते हैं, वहीं प्रोटेस्टेंट को Protesten । इन दोनों नामाकरणों में डच प्रभाव आसानी से गोचर होता है ।
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झील के समोसीर द्वीप पर बने कॉटेज । पृष्ठभूमि में द्वीप के पहाड़ । |
बतक लोग और संस्कृति
बतक यहाँ के मूल निवासी हैं जो आज से कोई २०० साल पहले तक आदमखोर हुआ करते थे; आज वे बहुत मित्रवत हैं । जो चीज बहुत भाती है वो है उनका लकड़ी पर बनाया शिल्प ।
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शिल्प में मुखौटे तीखे नैन-नक़्श वाले हैं - इनकी अपनी शक्लों से अलग । |
इनकी कला में छिपकिली जैसे जीव का दर्शन कई बार होता है । जो कलाकृति बनाई जाती है, मुख्यतः महोगनी की लकड़ी पर और ऐसा लगता है कि मैने दक्षिण प्रशांत महासागर के किसी द्वीप पर भी ऐसी कृतियाँ देखी हैं, लेकिन ध्यान नहीं आ रहा कहाँ ।
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बताक कलाकृतियों में राजा-रानी के प्रतिमान । |
इसके अलावे यहाँ लोग कपड़ों की बुनाई का काम भी करते हैं । पर्यटकों के हेतु बनी दुकानों में ख़ासकर दिखते हैं ।
National Geographic के शायद २००१ जून के अंक में मैने पढ़ा था कि बताक लोग एक सदी पहले तक भी नरभक्षी थे । साथ ही मार्कोपोलो ने दक्षिणी सागर में जिन जनजातियों का ज़िक्र किया था - वो शायद बताक ही थे । इनके राजकाज संबंधी बैठक का स्थान अब तक द्वीप पर देखा जा सकता है ।
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बताक राजा का सभास्थल |
पारापत बाज़ार
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पापापत बाज़ार - किसी अत्यंत छोटे भारतीय शहर के हाट की तरह है । |
पारापत इलाका तो छोटा है लेकिन जनसंख्या ख़ासी दिखती है । भाषा न बोल पाने के कारण कुछ बात नहीं कर सकता । सूखी मछलियाँ, थोड़े फल, सब्ज़ियाँ और घरेलू सामान बहुत मिलते हैं यहाँ ।
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पारापत बाज़ार में सूखी मछलियों की दुकान |
इंडोनेशिया विकसित नहीं है, लेकिन देखने लायक, शांत लोगों से भरे द्वीपों का देश है । छुट्टियों के ८-१० दिन गुज़ारने के लिए बहुत उपयुक्त - परिवार के साथ । और विवरण फिर कभी, विदा !
अधिक तस्वीरों के लिए
यहाँ जाएं - इनमें झील, गलियों और बोट पर bikes के साथ मछलियों के transport की झलक मिलेगी । अगर पसंद आए तो comment करना मत भूलियेगा ।
बतक लोगो का नरभक्छी होना संदेहास्पद है!!!
ReplyDeleteBTW its good to know about palaces of Indonesia from ur blog....got some interesting information about Indonesia.
Thanks. I saw a place where they used to perform the human-sacrifice. Wikipedia says they used to do "ritual cannibalism" (किसी ख़ास अवसर पर, परंपरावश). They are very friendly these days, BTW. When they see us (Indian faces) they think we might be Malaysians. :-)
ReplyDeleteBahut badiya..Batak log ki sanskriti ke baare mein achi jaankari pesh kari hai.
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ReplyDeleteThere are other types of Bataks as well. In fact, back in middle ages, anyone who was not a Malay or Muslim in this area was called Batak. See pictures in the link given at the bottom of the page as well.
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