Tuesday 29 August 2017

Tanzania - Safaris of the north



Tanzania has national parks and conservation areas in south as well, but northern ones are more touristy as they are close to each other and form easy parts of the tour-packages.

जो नेशनल पार्क आसपास हैं (पश्चिम से पूरब की ओर) - सीरंगेटी, ङ्गोरोंगोरो, मनयारा, तरंगीरे और अरुषा । इसके साथ ही लगा है किलिमंजारो नेशनल पार्क , जहाँ अफ़्रीक़ा का सबसे बड़ा पर्वत है । (वैसे पर्वत नहीं कहना चाहिए क्योंकि, ऊँचाइयों के समूह जो आपस में जुड़े हों, उन्हीं को पर्वत कहते हैं - आपस में जुड़े, सन्धि हो जिनमें । गिरि कहना शायद बेहतर होगा, लेकिन कौन समझता है ये शब्द ।) इनमें सीरंगेटी सबसे पश्चिम में है, नाम का स्थानीय अर्थ है - अंतहीन मैदान ।

ज़ेब्रा इतना सुन्दर दीखने वाला जानवर है! इन parks में दर्जनों नहीं, सैकड़ों में दीखते हैं ।

इनकी छवियाँ तो आपने डिस्कवरी चैनल पर देखी ही होंगी । ङ्गोरोंगोरो क्रेटर के अन्दर के पशुओं की एक झलकछ



जनजातियाँ


जब किताबों में जनजाति या कबीले शब्द का इस्तेमाल होता था तो इसका अर्थ लगता था - असभ्य, पिछड़े लोग । लेकिन जब ये जनजातियाँ हमसे अधिक स्वस्थ्य हों, और शासित-शोषित होने के बाद भी ख़ुश हों तो समझ में नहीं आता कि पिछड़े कौन हैं ? मन और शरीर से स्वस्थ्य़ ये लोग या डाइनिंग टेबल पर खाने वाले अंग्रेज़ (और उन अंग्रेज़ों जैसे बनने की जी-तोड़ मेहनत करते हम लोग)? ख़ैर, मसाई, चेग्गा, पारा, मेरु आदि कई जाति रहती हैं । (जनजाति थोड़ा बुरा लगता है, और जाति से मतलब caste नहीं है ) इनमें से मसाई और चेग्गा लोगों से बात हुई ।


मसाई जाति का पहनावा

जहाँ मसाई स्वास्थ्य के बारे में आज भी शोध होते रहते हैं, भारत में इसके बारे में कोई जागरुकता नहीं है । ये लोग अपने पालतू पशु के दूध-मांस-खून (हाँ लहू, खून) का ही इस्तेमाल करते हैं । साथ ही कई कड़वे पेड़ों का बना सूप भी पीते हैं ।

अरुषा शहर


अरुषा, इन सारे सफ़ारियों (अर्थात् जीप-विहारों) के लिए अच्छा डेरा है । शहर की आबादी कोई १० लाख होगी, और शांत भी है । जाड़े के दिनों में तापमान २० डिग्री के आसपास ही रहता है, जो देश के अन्य भागों की चुलना में ठंडा है ।

शहर के बस-स्टैंड के पास की एक झलक इस वीडियो में देखें -



अरुषा से किलिमंजारों कोई ६० किलोमीटर होगा, और लगभग इतना ही दूर केनया की सीमा (थोड़ी अलग दिशा में) । यहाँ से म्बेया, मोशी और दार-एस-सलाम के लिए बसें उपलब्ध हैं । शहर में कुछ भारतीय रेस्तराँ भी हैं, और पश्चिमी तथा स्थानीय खाना तो मिलता ही है ।

थोड़ी और detail कुछ ही दिनों में ।


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