Saturday 18 July 2015

Most commonly interpolated sounds


ऐसी कुछ ध्वनियाँ जो कई बार एक-दूसरे की जगह प्रयुक्त होती हैं; या संधि करते वक़्त एक-दूसरे में बदल जाती हैं ।

I have compiled some sounds of speech (Phonemes) that get approximated most often. I am NOT a linguist at all; however I'd be glad to see experts' comment on any inconsistency, they might observe.


क्या आपने किसी को युवा को जुवा बोलते हुए सुना है, या शिकागो को चिकागो बोलते सुना है? अगर हाँ, तो ये blog आपके लिये लिखा जा रहा है । आपको मालूम है कि मध्यकाल के विशाल तुर्क साम्राज्य को अंग्रेज़ी में Ottoman कहते हैं जबकि हिन्दी-उर्दू में उस्मानी, ऐसा क्यों ? इसमें ये बताया जाएगा किए ऐसे interpolation अन्य किन भाषाओं में देखने को मिलते हैं । इस लेख में उच्चारण के लिए उचारना इस्तेमाल किया गया है ।

नागरी वर्ग के अन्दर


सबसे पहले तो ये जान लें कि देवनागरी और अन्य भारतीय वर्णमालाओं में व्यञ्जन वर्गों (क,च,ट,त,प) के पहले और तीसरे अक्षरों में बहुत समरूपता है । पहले, अक्सर तीसरे में बदल जाते हैं । दूसरे और चौथे में भी इसका प्रयाण होता है, लेकिन अपेक्षाकृत कम । जैसे, दि - दिग्गज में बदल जाता है, और उ - उभव में ।

इनको एक साथ इस सूची में रखा जा सकता है = क -ग, च-ज, प-ब, ट-ड, त-द इत्यादि । इनके बारे में और जानकारी संधि के नियमों को जानकर ली जा सकती है । यद्यपि ऐसे प्रयाण विदेशी भाषाओं में भी लगभग हर जगह होते हैं, ये पृष्ठ ऐसे साफ़गोचर ध्वनियों के लिये नहीं बनाया गया है ।

इतना ध्यान में रखें कि दक्षिण भारत की तरह लगभग संपूर्ण विश्व में वर्गों के दूसरे और चौथे वर्णों का प्रयोग नहीं के बराबर होता है । यानि, (ख, घ, छ, झ, ठ, ढ, थ, ध, फ, भ) - ये वर्ण दुनिया की सारी वर्णमालाओं में बहुत कम में पाए जाते हैं । जहाँ अरब ख़ और ह अधिक कंठ्य उच्चारित करते हैं, वहीं मराठी में 'झ' का उच्चारण zz ध्वनि की तरह होता है ।


नागरी वर्ग के पार


लेकिन वर्गों के अन्दर के बदलाव के अलावे भी वर्णों में कई वर्तन (morphing) होते हैं - क-च-ग, ज-ग-ह, क़-च इत्यादि । हम आगे इनके बारे में जानेंगे ।

व्यंजन अंतरण -

  • क ~ च  - उदाहरण के लिए ऋक् -ऋचा को लीजिये । संस्कृत में शो - शोति में बदल जाता है । इसी तरह  English Letter Ch को च की तरह उचारते हैं, जैसे च्वाइस (Choice) में; और C को क की तरह (Cord) । ऐसा प्रयोग इटालियन में सबसे प्रमुखता से मिलता है जहाँ कुछ vowel (स्वर; e, i ) के पहले आने वाले cc को च की तरह और अन्यथा क की तरह बोलते हैं । इनके अपने नियम हैं जो अंग्रेजी से अधिक स्थाई हैं ।  जैसे 'मोनिका बेलुच्ची' को Belucci लिखते  हैं, जिसे अनजाने में बेलुक्की भी पढ़ा जा सकता है । इसी तरह बोफ़ोर्स कांड में फँसे Ottavio Quattrocchi का उदाहरण है । 1
    अलग उच्चारण में जीभ की स्थिति (मोटे तौर पर) - समान ध्वनियों के उच्चारण स्थान निकट हैं ।
  • च ~ स - ये तमिळ में कई जगहों पर देखने को मिलता है । मूल तमिळ में  की ध्वनि के लिए   (ச) अक्षर का ही इस्तेमाल होता है । जैसे सिवा (शिव) को लिखने के लिए चिवा  (சிவ)लिखा जाता है, हाँलांकि पढ़ते है सिवा । लेकिन यही अक्षर ध्वनि के लिये भी प्रयुक्त होता है; जैसे दसवीं सदी का प्रसिद्ध साम्राज्य - चो (சொழ)। इसके अलावे असमी में भी  চ, एक ही अक्षर,  च और स के लिए इस्तेमाल होता है   यही अक्षर पड़ोसी बाँग्ला में केवल 'च' की ध्वनि के लिए इस्तेमाल होता है ।
  • च ~ श - ग़ौर कीजिये कि अंग्रेज़ी में ch कभी 'च' और कभी 'श' की तरह उचारे जाते हैं । जैसे choke - चोक, chute - शूट  । ऐसा फ्ऱांसीसी प्रभाव के कारण लगता है । फ्ऱेंच में तो 'Ch' को श ही बोलते हैं; जैसे Chocolate को शॉकलात पढ़ते हैं । लगभग ऐसा ही अरबी में भी देखने को मिलता है जहाँ चाय को शाय उचारा जाता है । ध्यान रहे कि अरबी वर्णमाला में 'च' की ध्वनि होती ही नहीं है । ऐसा ही उच्चारण आप नेपाल और आसपास के लोगों के बोलने में भी पा सकते हैं । 
  • य ~ ज - बिहार और बंगाल के कई लोग को से उचारते है, जैसे योग को जोग । लेकिन सिर्फ बंगाल में ही नहीं, दुनिया में और भी कई संस्कृतियों में इसका चलन है । जैसे - येरुशलम~जेरुशलम में, और यूसुफ़ ~ जोसेफ़ में भी इसकी छाप आपको मिलेगी । इसके अलावे इंडोनेशिया और वियतनाम में भी अंग्रेज़ी के अक्षर (y) को से उच्चारित किया जाता है । योग्याकार्ता (Yogyakarta) का स्थानीय उच्चारण जोग्जकार्रता है ।
  • थ ~ स - आपने कभी किसी नेपाली या उत्तरपूर्व के व्यक्ति को (Three) थ्री बोलते हुए सुना है । अक्सर वो श्री जैसा कुछ बोलते प्रतीत होते हैं (कम से कम मुझे) । चीनी भाषियों की बोलचाल में भी अंग्रेजी के 'Thank you' को 'शैंक यू' जैसा कुछ सुनने को मिलता है । आपको मालूम है कि इस्तांबुल में केंद्रित विशाल तुर्क साम्राज्य को अंग्रेज़ी में उस्मानी नहीं कहते है; Ottoman कहते हैं ।  यहाँ Uthman, Usman के लिए इस्तेमाल होता है । इसी प्रकार हदी को अंग्रेज़ी में Hadith लिखते हैं । क्या translation के लेन में भी ऐसा ही संदेश है? मैं तो नहीं जानता इसके आगे ।
  • ह ~ ग - H/G. सबसे पहला उदाहरण तो संस्कृत शब्द Maha और लैटिन Mega की समानता से मिलता है । हिन्द-आर्य भाषाओं के विद्वान इतने मात्र से ख़ुश हो जाएंगे । लेकिन यहाँ आपको बता दें कि ये रूपवर्तन Tamil में भी उतनी ही आसानी से गोचर होता है । तमिळनाडु के गाँवों में (हाँ, सिर्फ़ गाँवों में ही) हिमांशु को गिमांजु पढ़ा जा सकता है । कहीं अंग्रेज़ी में इन अक्षरों (G,H) के एक-दूसरे के आसपास रहने का यही राज़ तो नहीं ? संधि का एक उदाहरण - संस्कृत में स्नेह - स्निग्ध में बदलता है, दुह-दुग्ध में और मोह-मुग्ध में । सहोदर-सगा के संबंध का भी यही मूल हो सकता है । बोलचाल की तमिळ में महाशिवरात्रि को मगाशिवरात्रि कहा जाता है ।
  • H~Kh - अरबी में जहाँ उष्म ध्वनियों की बहुतायत है (हिन्दी के मुकाबिले) यह स्थांतरण देखने को मिलता है । उष्म ध्वनियाँ उनको कहते हैं जिनमें बोलने के समय हवा एकदम सँकरे रास्ते से गुज़रती है । जैसे बोलने में या या ह बोलने में ।  Hebrew का Halet - अरबी में Khalid बन जाता है ।
  • क़ ~ च - ये 'क' और 'च' वाले वर्तन से थोड़ा अलग है । यहाँ अरबी में ख्यात 'क़' का अंतरण 'च' में होता द्योत है । स्पेनिश में Q को च उचारा जाता है, जबकि अरबी में क़ (जैसे रक़ीब में - Raqeeb) । इस बात का असर स्पेनिश-पुर्तग़ाली उपनिवेशों और आसपास की भाषाओं के शब्दों में मिलता है । जैसे कि स्पेनिश में अरबी का मस्जिद - मेस्चिता बन जाता है जिसे Mesquita लिखते हैं । यही अंग्रेज़ी तक आते-आते Mosque बन जाता है । इसी प्रकार चीन के क्यांग (Qiang) को च्यांग पढ़ा जाता है । दक्षिण-पूर्व एशिया में भी यही चलन है । बर्मा की प्रसिद्ध नेता आंग सान सूची की अंग्रेज़ी Ang San Su Qui होती है जिसकी वजह से, ग़लती से लोग उन्हें आंग सान सूकी भी कह देते हैं ।
  • स~ज़ - शब्दशः जो विसन (Vision) दिखे उसको विज़न कहना । इसी प्रकार क्रियाओं के अन्त में Visualisation को Visualization जैसा पढ़ते-लिखते हैं ।
  • ग~ज - ऐसा अरबी में बहुत देखा जाता है जहाँ नहीं होता । तो 'ग' से बनने वाले शब्दों में 'ज' डाल दिया जाता है - ऐसे शब्द, विदेशी भाषाओं से लिये जाते हैं । जैसे गैब्रिएल (Gabriel) को जिब्राइल कहा जाता है । अंग्रेज़ी में भी G अक्षर का दोनों इस्तेमाल होता है - Get और Gene में । मिस्र की अरबी में माल को Gamal लिखा जाता है, हाँलाकि उच्चारण जमाल ही होता है ।
  • ल~र - प्रमुख उदाहरण चीनी भाषा में थ्रो- स्लो वाली जोड़ी से । पहले 'थ'~'स' बना और 'र'~'ल' । इसके अलावे पोलिश में मार्ग्रेट को Malgorzata लिखते हैं जहाँ पहले 'र' की जगह 'ल' का उच्चारण होता है । जापानी में इसका ठीक उल्टा होता है जहाँ 'ल' होता ही नहीं है । अतः बाहरी भाषाओं से आए ऐसे शब्दों में जहाँ 'ल' होते हैं, र से बदल दिए जाते हैं । यानि वहाँ इंग्लिश को इंग्रिश और लोशन को रोशन कहा जाएगा ।
  • क ~ ग - तमिळ नामों में विनाय, प्रायः विनायगा बन जाता है । इसी तरह जिसे अंग्रेजी में कैट (Cat) कहते हैं, उसे स्पेनिश में Gata कहा जाता है । लेकिन देवनागरी के एक ही वर्ग में स्थित होने के कारण अधिक आश्चर्य नहीं ।


स्वर अंतरण

  • ओ ~ उ - फ़ारसी में गुल को गोल उचारते हैं । इसी तरह ख़ुदा को ख़ोदा और सुख़न को सोख़न कहने का चलन है । दोनों ही ह्रस्व स्वर हैं ।
  •  ऐ ~ ई - ये भी फ़ारसी, अरबी जैसी भाषाओं में देखने को मिलती है । ग़ैर और ग़ीर दोनो को एक जैसा ही लिखा जाता है । इसी प्रकार ए और इ में भी अंतरण देखा जाता है; जैसे गेसू ~ गिसू ।

स्वर से व्यञ्जन

  • u ~ v - संस्कृत और  Arabic जैसी भाषाओं में गोचर होता है । संस्कृत में मनु से मानव बनता है, और रघु से राघव । अरबी में नूर~अनवार बनता है, जहाँ अ शुरु में आया और ऊ की मात्रा व में तब्दील हो गई ।  ध्यान दीजिये कि अरबी में व और ऊ के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल होता है - वाव (و) ।
  • ई ~ य - संस्कृत में और अरबी में  ऐसा देखने को मिलता है । संस्कृत में संधि- संध्या बनती है । इसी तरह इ से अंत होने वाले शब्द स्वर संधि में य में बदल जाते हैं । अरबी में इन दोनों ध्वनियों के लिए एक ही अक्षर इस्तेमाल में आता है - या (ي) । लेकिन इसी प्रकार अंग्रेजी का y भी य और ई दोनों के काम आता है - जैसे rosy और you में ।
इसके अलावे कई स्थानों में ध्वन्यंतरण उनके आस-पास की भाषाओं के संपर्क में आने से स्पष्ट देखने-सुनने को मिलती हैं ।
ऐसी कई ध्वनियाँ उनके उच्चारण के लिए प्रयुक्त होने वाले मौखिक स्थान के आसपास होने के कारण एक-दूसरे में बदल जाती हैं । इसका अधिक उल्लेख इस लेख में देखें (अंग्रेज़ी में) । लेकिन इससे अधिक व्याख्या मेरे वीक्षण-विश्लेषण से परे है, आपकी नज़र में कुछ और विश्लेषण हो तो ज़रूर लिखिएगा ।

लेकिन सावधान - ये सभी आँकड़े भारतीय, यूरोपीय, शामी और एशियाई भाषाओं से लिए गए हैं, जिनका संपूर्ण ज्ञान मुझको बिल्कुल भी नहीं है । एफ़्रीक़ी और लातिन एमेरिकी मूल भाषाओं के ज्ञाता इस पर और प्रकाश डाल सकते हैं, मैं उनके बारे में कुछ भी नहीं कह सकता, कुच्छ भी नहीं । इनके बारे में जो भी आधारभूत संक्षिप्त जानकारी चाहते हों, शुरुआत के लिए विकिपीडिया के इस लेख पर देख लें (अंग्रेज़ी में)।

वैसे ये सब लिखने का मतलब क्या है?


जब भाषाविद, ख़ुद इन सब (और इससे कहीं अधिक) को जानते हैं, तो ये लिखने का मतलब क्या है ? मेरा उद्देश्य सिर्फ़ एक observation प्रस्तुत करना था; कोई सिद्धांत नहीं । और ये पर्यवेक्षण किसी और सिद्धांत को जन्म दे सकता है - सही नज़र वाले को । मेरी नज़र ऐसी नहीं, किसी की तो होगी !

वैसे ये लिखने का एक उद्देश्य, इस विषय में रोचित ऐसे पाठकों तक पहुँचना भी था जो ये जान लें कि कभी भी उपरोक्त सूची से अलग की ध्वनियाँ वर्तित नहीं होतीं । जैसे 'ज' कभी 'ल' में नहीं बदलता । या 'श' की ध्वनि कभी 'प' में नहीं बदलती, इत्यादि । अगर आपको ऐसा नहीं लगता तो कृपया मुझे और बाक़ी पाठकों को भी बताएं ।



1 ये बात ग़ौर कीजिये कि जर्मन, रूसी सहित अन्य पूर्वी यूरोपीय भाषाओं में क की ध्वनि के लिए K का ही इस्तेमाल होता है । रूसी में C का इस्तेमाल सिर्फ़ S (स) की ध्वनि के लिए होता है । इसलिये जिसे हम सोवियत संघ कहते थे, उस सोवियत ज़माने के किसी झंडे में USSR के लिए CCCP लिखा हुआ मिलेगा - इसको रोमन में SSSR पढ़ेंगे ।

4 comments:

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    2. Thanks Rahul. Thanks for making me note that a Spanish 'c', apart from च sound, also occasionally pronounced as स or थ । This adds inline to the phonic similarity of th-s I have made above. Thanks again!

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  2. Excellent observation! Thank you for sharing it.

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